योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा है कि प्रस्तावित लोकपाल विधेयक से प्रधानमंत्री एवं देश के मुख्य न्यायाधीश के पद को मुक्त रखा जाना चाहिए.
रामदेव ने आवासीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के विशाल मैदान में हजारों लोगों को योगासनों का अभ्यास कराने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश के प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश का पद गरिमापूर्ण पद है और इसे प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे से मुक्त रखा जाना चाहिए. इस योग शिविर में मध्यप्रदेश के नगर प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए. लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव के साथ ही देश की जनता को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वह अपने प्रधानमंत्री का चुनाव भी सीधे तौर पर कर सके. इसके अलावा चुनाव का खर्च सरकारी तौर पर उठाने से चुनाव के लिए राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले चंदे से काले धन को दूर रखा जा सकेगा.
रामदेव ने तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह चीन, जापान और कुछ अन्य देशों में ये शिक्षाएं उनकी अपनी भाषा में दी जाती हैं, उसी तरह भारत सरकार को भी इन्हें हिन्दी भाषा में उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए.
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