अहमदाबाद ।। गुजरात के साल 2002 के दंगों के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद मोदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने शनिवार को कहा कि वह नानावती आयोग के सामने और भी बहुत सारे खुलासे कर सकते हैं।
भट्ट ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं नानावती आयोग को वह (जो उन्होंने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से कहा है) बता सकता हूं और उससे भी ज्यादा बहुत कुछ बता सकता हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारी गुप्त जानकारियां हैं। मैं एक हलफनामे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। तब मैंने माननीय अदालत से कहा था कि मैं बहुत कुछ जानता हूं और उन्हें जानने के लिए जब मुझे बुलाया जाएगा, तब मैं अदालत को ये सारी बातें बता सकता हूं। यदि इस आयोग को सचाई जानने में दिलचस्पी है और यदि मुझे सचाई बताने का मौका दिया गया, तब मैं वे सारे तथ्य सामने रखूंगा जो मैं जानता हूं और जिन्हें मैं इस समय याद कर सकता हूं।'
भट्ट ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर आरोप लगाया है कि 27 फरवरी, 2002 को आधी रात को बैठक के दौरान मोदी ने अधिकारियों से कहा था कि वे हिंदुओं को अपने गुस्से का इजहार करने दें और यह कि मुसलमानों को एक सबक सिखाना जरूरी है।
हाल के इस खुलासे के बाद नानावती आयोग ने भट्ट को 16 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार आयोग ने कहा है कि वह 27 फरवरी, 2002 की रात को मोदी द्वारा आयोजित बैठक के बारे में उनसे सूचनाएं चाहेगा। भट्ट का दावा है कि वह उस बैठक में शामिल थे जबकि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ने उनके दावे का खंडन किया है।
भट्ट ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं नानावती आयोग को वह (जो उन्होंने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से कहा है) बता सकता हूं और उससे भी ज्यादा बहुत कुछ बता सकता हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारी गुप्त जानकारियां हैं। मैं एक हलफनामे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। तब मैंने माननीय अदालत से कहा था कि मैं बहुत कुछ जानता हूं और उन्हें जानने के लिए जब मुझे बुलाया जाएगा, तब मैं अदालत को ये सारी बातें बता सकता हूं। यदि इस आयोग को सचाई जानने में दिलचस्पी है और यदि मुझे सचाई बताने का मौका दिया गया, तब मैं वे सारे तथ्य सामने रखूंगा जो मैं जानता हूं और जिन्हें मैं इस समय याद कर सकता हूं।'
भट्ट ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर आरोप लगाया है कि 27 फरवरी, 2002 को आधी रात को बैठक के दौरान मोदी ने अधिकारियों से कहा था कि वे हिंदुओं को अपने गुस्से का इजहार करने दें और यह कि मुसलमानों को एक सबक सिखाना जरूरी है।
हाल के इस खुलासे के बाद नानावती आयोग ने भट्ट को 16 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार आयोग ने कहा है कि वह 27 फरवरी, 2002 की रात को मोदी द्वारा आयोजित बैठक के बारे में उनसे सूचनाएं चाहेगा। भट्ट का दावा है कि वह उस बैठक में शामिल थे जबकि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ने उनके दावे का खंडन किया है।
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